डोनुरु अनन्या रेड्डी: वह वर्ष 2024 की आईएएस टॉपर हैं, जो एक बहुत ही प्रेरणादायक सत्य है।
डोनुरू अनन्या रेड्डी आंध्र प्रदेश के एक गांव से हैं। एक साधारण परिवार से होने के कारण उनका परिवार खेती करके अपना गुजारा करता था। उनके पिता किसान थे और माँ गृहिणी थीं। उनका जन्म एक ऐसे गांव में हुआ था जहाँ शिक्षा को ज़्यादा प्राथमिकता नहीं दी जाती थी, खासकर लड़कियों के लिए। लेकिन बचपन से ही अनन्या की सोच अलग थी। उनके दिल में हमेशा देश के लिए कुछ बड़ा करने का सपना था ।
सपनों की शुरुआत
अनन्या की प्राथमिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से हुई थी। स्कूल की हालत अच्छी नहीं थी, लेकिन अनन्या ने इसे कभी अपनी कमजोरी नहीं बनाया। वह घंटों किताबें पढ़ती थी और हमेशा नई चीजें सीखने में दिलचस्पी रखती थी।
जब वे 10वीं में थे तो उन्होंने जिले में टॉप किया था, जिस पर उनके परिवार और गांव के लोगों को गर्व था। 12वीं के बाद वे कॉलेज चले गए और कॉलेज के साथ ही यूपीएससी की पढ़ाई भी शुरू कर दी।
समाधान और संघर्ष
यूपीएससी की तैयारी करना आसान नहीं था। वह महंगी कोचिंग संस्थानों में जाने का जोखिम नहीं उठा सकती थी। लेकिन अनन्या ने इंटरनेट और मुफ्त में उपलब्ध सामग्री की मदद ली। उसने दिन-रात मेहनत की और हर दिन एक नया लक्ष्य निर्धारित किया।
गांव में बिजली नहीं थी, इसलिए कभी-कभी वह दीये की रोशनी में बैठकर पढ़ाई करती थी। कई बार वह समुदाय में उपहास का पात्र भी बनती थी। लोग कहते थे, “तुम लड़की हो, इतनी मेहनत करके क्या करोगी? तुम्हें शादी करनी होगी और घर की सफाई करनी होगी।” हालांकि, अनन्या ने ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखी और अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया।
पहली असफलता से सीख
अनन्या ने 2023 में पहली बार यूपीएससी परीक्षा दी, लेकिन प्रीलिम्स पास नहीं कर पाई। यह उसके लिए बहुत बड़ा झटका था। लेकिन उसने हार नहीं मानी। उसे अपनी कमियों का एहसास हुआ और उसने दोगुनी मेहनत से तैयारी शुरू कर दी।
2024: एक सफलता की कहानी
अनन्या ने 2024 में यूपीएससी परीक्षा में देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया। उसका नाम पूरे देश में गूंजा। वह न केवल अपने परिवार के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रकाश स्तंभ बन गई।
लेकिन परिणाम घोषित होने के बाद उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया
“सपनों को साकार करने का रास्ता कड़ी मेहनत, दृढ़ता और विश्वास से होकर गुजरता है। आप जो चाहते हैं उसे पाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। इसका सारा श्रेय मेरे माता-पिता के आशीर्वाद और मेरी अपनी कड़ी मेहनत को जाता है।”
गांव और समाज के लिए योगदान
आईएएस के तौर पर अनन्या ने अपने गांव और अन्य पिछड़े इलाकों में शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम किया। उन्होंने अपने गांव में एक लाइब्रेरी की स्थापना की और ग्रामीण बच्चों के लिए मुफ्त कोचिंग का भी आयोजन किया।
लड़कियो को क्या सीखना चाहिए ?
चाहे कितनी भी बड़ी मुश्किल क्यों न हो, मजबूत इरादों के साथ आप हर बाधा को पार कर सकते हैं – डोनुरु अनन्या रेड्डी की कहानी। सपने देखना अच्छी बात है, सपनों को साकार करने के लिए प्रयास और दृढ़ता की आवश्यकता होती है।
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