You are currently viewing हर परीक्षा मे हुआ फेल लेकिन कर दी “UPSC” क्रैक, बिना कोचिंग
हर परीक्षा मे हुआ फेल लेकिन कर दी "UPSC" क्रैक, बिना कोचिंग

हर परीक्षा मे हुआ फेल लेकिन कर दी “UPSC” क्रैक, बिना कोचिंग

गरीबी से आईएएस तक: संघर्ष और सफलता की अद्भुत कहानी

नोट- यह लेख पूरा ज़रूर पढ़ें यह आपके लिए अमृत है

हर इंसान के जीवन में एक सपना होता है। लेकिन कुछ सपने ऐसे होते हैं जो समाज की बेड़ियों, आर्थिक कठिनाइयों और असंख्य बाधाओं के बावजूद पूरे किए जाते हैं। यह कहानी है रवि कुमार की, जिन्होंने अपने अदम्य साहस, कठिन परिश्रम और धैर्य के बल पर UPSC की परीक्षा पास कर एक साधारण किसान परिवार से देश के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी बनने का सफर तय किया।

संघर्षों से भरा बचपन

रवि का जन्म उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव में हुआ। उनका परिवार अत्यधिक गरीबी में जी रहा था। उनके पिता एक छोटे किसान थे, जो दिन-रात मेहनत करके भी परिवार का पेट मुश्किल से भर पाते थे। रवि के पास स्कूल जाने के लिए अच्छे कपड़े नहीं होते थे। किताबें खरीदना उनके परिवार के लिए एक सपना था।

गाँव के सरकारी स्कूल में पढ़ाई करते समय रवि ने अपने अंदर एक अलग तरह की आग महसूस की। उनके शिक्षक ने एक दिन उन्हें बताया कि देश के सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी बनने के लिए UPSC की परीक्षा पास करनी होती है। यह बात रवि के दिल में घर कर गई। उस दिन उन्होंने ठान लिया कि चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएँ, वह एक दिन IAS अधिकारी बनेंगे।

पहली चुनौतियाँ

जब रवि ने दसवीं की परीक्षा पास की, तो उनके पिता ने उन्हें खेती में हाथ बंटाने के लिए कहा। परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि पढ़ाई जारी रखना संभव नहीं लग रहा था। लेकिन रवि ने हार नहीं मानी। उन्होंने दिन में खेतों में काम किया और रात में पढ़ाई की। बिजली की समस्या के कारण, वह कई बार मिट्टी के तेल के दीये की रोशनी में पढ़ते थे।

बारहवीं की परीक्षा में अच्छे अंक लाने के बाद, रवि ने ग्रेजुएशन के लिए शहर जाने की इच्छा जताई। उनके पिता ने अपने खेत का एक हिस्सा गिरवी रखकर उनकी पढ़ाई के लिए पैसे जुटाए। शहर में आकर रवि ने पार्ट-टाइम नौकरी की और अपनी पढ़ाई जारी रखी।

UPSC की तैयारी का सफर

ग्रेजुएशन के बाद, रवि ने UPSC की तैयारी शुरू की। लेकिन यह रास्ता आसान नहीं था। उनके पास ना तो महंगी कोचिंग के लिए पैसे थे, और ना ही पर्याप्त संसाधन। उन्होंने दिल्ली जाकर तैयारी करने का सपना देखा था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण यह संभव नहीं हो पाया।

रवि ने इंटरनेट का सहारा लिया। गाँव के एक छोटे से साइबर कैफे में वह ऑनलाइन सामग्री डाउनलोड करते और उसे पढ़ते। कभी-कभी वह सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए बनाए गए यूट्यूब चैनल्स से वीडियो देखकर पढ़ाई करते।

असफलताओं से सीख

पहली बार जब रवि ने UPSC की परीक्षा दी, तो वह प्रारंभिक परीक्षा भी पास नहीं कर सके। यह उनके लिए बहुत बड़ा झटका था। उन्होंने खुद को कोसा, लेकिन फिर उन्होंने अपनी गलतियों से सीखने का निश्चय किया। उन्होंने अपनी कमजोरियों को पहचाना और उन्हें दूर करने के लिए योजना बनाई।

दूसरी बार, उन्होंने प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पास कर ली, लेकिन इंटरव्यू में असफल हो गए। यह उनके लिए एक और बड़ा धक्का था। लेकिन इस बार उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने इसे अपनी यात्रा का हिस्सा माना और फिर से तैयारी में जुट गए।

सफलता की ऊँचाई

तीसरी बार, रवि ने पूरी लगन और मेहनत के साथ परीक्षा दी। उन्होंने अपने अनुभवों से सीखा और अपने लक्ष्य पर पूरा ध्यान केंद्रित किया। इस बार उन्होंने प्रारंभिक, मुख्य और इंटरव्यू तीनों चरणों को सफलतापूर्वक पार कर लिया। जब परिणाम घोषित हुए, तो उनका नाम टॉप 50 में था। उनके गाँव में खुशी की लहर दौड़ गई।

सफलता के पीछे का अनुशासन

रवि की सफलता के पीछे उनके दृढ़ अनुशासन और समय प्रबंधन का बड़ा हाथ था। उन्होंने हर दिन का शेड्यूल बनाया और उसका पालन किया। उनके दिन का एक बड़ा हिस्सा अध्ययन में जाता था, लेकिन वह अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत का भी ध्यान रखते थे। नियमित योग और ध्यान से उन्होंने खुद को शांत और प्रेरित रखा।

प्रेरणादायक पहल

रवि की सफलता ने उनके गाँव और परिवार की जिंदगी बदल दी। वह न केवल अपने परिवार की गरीबी दूर कर सके, बल्कि उन्होंने गाँव के बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने गाँव में एक पुस्तकालय की स्थापना की, जहाँ बच्चों को मुफ्त में पढ़ने की सामग्री मिल सके। साथ ही, उन्होंने युवाओं के लिए UPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त कोचिंग का प्रबंध भी किया।

सीख जो हमें मिलती है

रवि कुमार की कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न आएँ, अगर हम अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हैं और मेहनत करने से पीछे नहीं हटते, तो सफलता निश्चित है। उनकी कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों और असंख्य बाधाओं के बावजूद बड़े सपने देखता है।

अगर रवि जैसे साधारण पृष्ठभूमि के व्यक्ति ने अपनी मेहनत और लगन से UPSC जैसी कठिन परीक्षा पास कर देश की सेवा का सपना पूरा किया, तो आप भी कर सकते हैं। आपके पास केवल एक चीज होनी चाहिए—अपने सपने को साकार करने का अटूट इरादा।

लॉं ऑफ अट्रेकशन बदल देगा आपकी जिंदगी !

यह कहानी आपने पढ़ी और यह आपकी स्टोरी है इसे पढ़ने से यदि आपके अंदर तनिक भी सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हुआ है तो समझ लीजिये की आप UPSC परीक्षा को क्रैक कर ली हैं । हम यह यूं ही नहीं कह रहे हैं । दोस्तो आज इस कहानी को पढ़ने के बाद आपके मन मे जिस भी प्रकार के विचार आए हैं उसे हम क्रैक करने जा रहे हैं । यानि आपके सोचे हुए विचार को क्रैक करने जा रहे हैं ।

क्या होता है लॉं ऑफ अट्रेकशन ?

यदि आप पूरा लेख पढ़ने के बाद यहाँ तक आए हैं तो समझ लीजिये आप उन खुश किस्मत लोगो मे से एक हैं जो अपने भविष्य को लेकर चिंतित तो हैं लेकिन उन्हे कुछ कर के भी गुजरना है । लेकिन इसके बाद भी यदि आप पढ़ना जारी रखते हैं तो समझ लीजिये आपकी समस्या का समाधान हो गया ।

दोस्तो आपने अक्सर यह फील किया होगा कि जो आप बात कर रहे हैं या सोच रहे हैं उससे संबन्धित आपको आपके फोन पर एड यानि विज्ञापन दिखाये जाने लगते हैं । क्या यह सबकुछ आपको साधारण लगता है । हाँ सामान्य लगना लाज़मी है । क्यूकी आप भी सोच रहे होंगे कि AI के जमाने मे यह होना तो आसान है क्यूकी क्या पता AI के माध्यम से हमारा फोन हमारी बात सुन रहा हो यहाँ तक कि हमारे मन मे क्या चल रहा है वह भी वह फील कर के हमे इस तरह के विज्ञापन दिखा रहा हो । लेकिन यदि आप अपने फोन को कहीं अलग रख दें या यूं कहें कि उसे तोड़ कर फेक दें और किसी ऐसी जगह पर बैठ जाए जहां पर डिजिटल कनेक्टिविटी बिलकुल ही ना हो वहाँ भी आपको कुछ ऐसा अनुभव प्राप्त होगा ।

किस तरह का अनुभव प्राप्त होगा ?

आपको लगेगा कि जो मैंने सोचा कुछ कुछ वैसा ही हो रहा है जी हाँ इसी को कहते हैं लॉं ऑफ अट्रेकशन । यानि जो हम सोचते हैं वही होता है । इसका मतलब यह नहीं कि कुछ भी हम सोचेंगे वही होगा बल्कि जो हम दिल से सोचते हैं वही होता है । कहने का मतलब यह है कि यदि आपको इस स्टोरी को पढ़ कर यदि आपको कुछ फील हुआ और कुछ करने कि इच्छा जागी तो आप UPSC क्रैक कर सकते हैं ।

आगे हम लाएँगे लॉं ऑफ अट्रेकशन पर खास वीडियो और लेख !

दोस्तो आगे हम लॉं ऑफ अट्रेकशन पर खास वीडियो और लेख लेकर आयंगे जो आपकी जिंदगी बादल देगा । क्यूकी आज हमने लॉं ऑफ अट्रेकशन पर सिर्फ 0.1% ही बताया है आगे हम ऐसा बताएँगे जिससे आपको UPSC कि परीक्षा को पास करना बच्चो का खेल हो जाएगा । लेकिन ध्यान रहे यदि आप इस सब को पढ़कर पोजटिव रहेंगे तभी “लॉं ऑफ अट्रेकशन” काम करेगा और आप अपनी इनद्रियो को जगाने मे कामयाब होंगे । तो फिर मिलते हैं अगली वीडियो या लेख मे ।

मूल्यांकन

इस पोस्ट को यदि हम कुछ शब्दो मे बताए तो कुल मिलाकर हमारी सफलता के पीछे हमारे आस पास का माहौल बहुत हद्द तक निर्भर बनाता है । हमने लॉ ऑफ अट्रेकशन पढ़ कर यह जाना किं जो हम सोचते हैं उससे हमारे जीवन मे बहुत गहरा असर पड़ता है । कहने का मतलब यह है कि यदि आपने ठान लिया है कि आप UPSC की परीक्षा को क्रैक कर लेंगे लेकिन आपके अंदर से यह सोच बार बार आ रही है कि इस परीक्षा मे तो 11 लाख स्टूडेंट्स भाग लेते हैं तो आप कैसे उन पहले 11 सौ स्टूडेंट्स मे से एक होंगे ? मै तो घर बैठे पढ़ाई कर रहा हूँ । वगैरह-वगैरह तो आप सफलता के कितने भी सपने बुन लें आप सफल नहीं होंगे । यानि आपको सिर्फ और सिर्फ अपने पढ़ाई पर ध्यान देना है और यह सोचना है कि यह सामान्य 10वी 12वी कि परीक्षा है जिसे आप बड़े आसानी से पास कर लेगे ।

Gyan From Home

हमारे द्वारा यह लक्ष्य लिया गया है कि भारत के सभी स्टूडेंट्स को अधिकतम मुफ्त शिक्षा दी जा सके ।

Leave a Reply