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भारत के सुप्रीम कोर्ट में UPSC छात्रों की आयु गणना पर विवाद: जनवरी या अगस्त?

भारत के सुप्रीम कोर्ट में UPSC छात्रों की आयु गणना पर विवाद: जनवरी या अगस्त?

दोस्तों जैसा कि आप सबको पता है भारत के सुप्रीम कोर्ट में यूपीएससी की छात्रों की आयु की गणना पर विवाद चल रहा है और इस पर आज हम आपको कुछ अपडेट देना चाहते हैं।

 यूपीएससी में आयु सबकी निश्चित है कहने का मतलब यह है कि हर वर्ग के अनुसार सभी के लिए अलग-अलग आयु निश्चित की गई है ।

 कौन सा छात्र किस उम्र तक परीक्षा दे सकता है यह पहले से निर्धारित किया जा चुका है  अगर आप जनरल कैटेगरी के हैं तो आपके लिए अलग उम्र होगी और यदि आप एससी एसटी या फिर ओबीसी कैटेगरी के हैं तो आपके लिए अलग उम्र निश्चित की गई है आयोग ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि छात्रों को आरक्षण के अनुसार उन्हें सुविधा मुहैया कराई जा सके।

 आप सबको यह तो मालूम होगा कि यूपीएससी की परीक्षा को पास करना हर छात्र का अपना सपना होता है और यह परीक्षा न केवल कठिन होती है बल्कि इसको पास करने के लिए कई सालों की तैयारी की जरूरत पड़ती है और कई लोग इसे बहुत जल्दी पास कर जाते हैं या फिर कहें क्रैक कर लेते हैं दोस्तों आप भी यदि इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आपको हताश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम यहां पर आपको मुफ्त में सारे मटेरियल प्रोवाइड कर रहे हैं हमारी वेबसाइट के माध्यम से आपको हमेशा ही सबसे सती और अनुभव भी शिक्षकों द्वारा पढ़ाई की सामग्री उपलब्ध कराई जाती रहती है इसलिए आप हमसे जुड़े रहें चलिए अब बात कर लेते हैं कि क्या है यह पूरा विवाद

 क्या है यह पूरा विवाद ?

 दोस्तों आप सबको पता ही होगा कि वर्तमान में यूपीएससी उम्मीदवारों की जो आयु की गणना होती है वह वर्ष में 1 अगस्त से की जाती है जब परीक्षा आयोजित होती है तब जो उम्र है वह 1 अगस्त से जोड़ी जाती है इसके लिए  हम आपको उदाहरण भी देना चाहेंगे यदि कोई परीक्षा 2025 में आयोजित हो रही है तो जो अभ्यर्थी है  उसकी उम्र 1 अगस्त 2025 तक निर्धारित की जाती है।

 क्या कहा गया है याचिका में ?

 दोस्तों इस याचिका में एक बहुत ही बड़ा तर्क दिया गया है और वह तर्क यह है की आयु की गणना 1 जनवरी से होनी चाहिए ताकि  यह निष्पक्षता के साथ सभी स्टूडेंट्स को लाभ दे कई बार ऐसा होता है कि कुछ महीने के अंतर में अभ्यर्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है ।

इस याचिका में क्या है मुख्य मुद्दा ?

 दोस्तों जब यह याद का फाइल की गई तो इसको लेकर भारत के जो भी यूपीएससी के स्टूडेंट हैं उनमें एक अलग से उत्साह देखने को मिला और वह उत्साह यह था कि अब जो अभ्यर्थियों की आयु की गणना होगी वह एक निश्चित तारीख ही नहीं बल्कि सटीक तारीख से रखी जाएगी और वह तारीख साल का प्रथम वर्ष होगा यानी 1 जनवरी ।

 याचिका में क्या-क्या मुद्दे उठाए गए हैं ?

 दोस्तों इस याचिका में निम्नलिखित मुद्दों को उठाया गया है और उसका जिक्र भली-भारत किया गया है।

 नंबर 1-  यदि वर्तमान में देखें तो इस प्रणाली से उन छात्रों को बहुत ज्यादा नुकसान होता है जिनका जन्म दो अगस्त से 31 दिसंबर के बीच का होता है ये  छात्र अपनी आयु सीमा  के तहत पीछे रह जाते हैं बल्कि ऐसा नहीं होना चाहिए यदि उम्र की गणना 1 जनवरी से होती तो ऐसे छात्र जो इससे वंचित रह जाते हैं वह इसका लाभ प्राप्त कर पाते और परीक्षा में बैठ पाते हैं ।

 नंबर 2 –  दोस्तों इस याचिका में यह भी जिक्र किया गया है कि यदि आयु की गणना जनवरी से की जाएगी तो छात्रों को स्पष्ट हो जाएगा कि वह परीक्षा के लिए पत्र है भी या नहीं इससे उनके मानसिक तनाव पर बहुत असर पड़ेगा खाने का मतलब है कि उनका मानसिक तनाव कम हो सकेगा और वह परीक्षा की तैयारी पर अपना ध्यान ज्यादा अच्छे तरीके से केंद्रित कर पाएंगे ।

 नंबर 3 –  दोस्तों कई बार ऐसा होता है कि आप यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी कर रहे होते हैं साथ ही साथ आप भारत में होने वाली अन्य परीक्षाओं में भी शामिल होना चाहते हैं तो ऐसे में आयु की गणना इसमें रुकावट पैदा करती है उदाहरण के रूप में भारत में बहुत सी प्रतियोगी परीक्षाएं होती हैं और जिनकी आयु की गणना 1 जनवरी से ही की जाती है बल्कि यूपीएससी में इसके विपरीत है और यह अन्य परीक्षाओं के हिसाब से इस परीक्षा को अलग बनाता है जिससे स्टूडेंट्स भी बहुत असमंजस में पड़ जाते हैं कि हमें आयु की गणना कैसे करनी है और इस परीक्षा के लिए हम पत्र है भी या नहीं है इसके लिए वह इंटरनेट पर सर्च करते हैं जहां उन्हें कई बार सटीक जानकारी प्राप्त नहीं होती है ।

 नंबर4-  इस याचिका में एक बहुत महत्वपूर्ण बात यह भी की गई है कि यदि आयु की गणना जनवरी से की जाएगी तो एक बात तो सुनिश्चित किया जा सकेगा कि जितने भी उम्मीदवार हैं उनको समान अवसर मिलेगा खासकर उन लोगों को जो महल कुछ मीना की वजह से इस परीक्षा से बाहर हो जाते हैं ।

 इस पूरे विवाद में क्या है यूपीएससी और सरकार का पक्ष ?

 यदि सरकार की बात करें और संस्था यूपीएससी की बारे में बात करें तो ऐसा कोई निश्चित स्पष्ट इसमें नहीं दी गई है लेकिन दोस्तों एक बात तो साफ है कि यूपीएससी इस परीक्षा को 1 अगस्त से इसलिए मापता है  जिस की परीक्षा की समय सारणी और आगे की जो भर्ती प्रक्रिया है उसमें देरी न हो क्योंकि वर्षो से यही प्रचलन चलाया है इस वजह से यूपीएससी या कहें सरकार इसमे परिवर्तन नहीं कर रही है।

क्या हो सकती है सुप्रीम कोर्ट की भूमिका?

 जब यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में आई है तो उसको सुप्रीम कोर्ट ने बहुत आसानी से स्वीकार कर लिया क्योंकि इसके पीछे बहुत बड़ा कारण यह था कि कहीं ना कहीं कुछ स्टूडेंट्स को इसके चलते बहुत हानि हो रही है इसलिए सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया चलिए अब बात करते हैं कि आखिर सुप्रीम कोर्ट के पास क्या विकल्प मौजूद है ?

यदि दी गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने एक्सेप्ट कर लिया है तो इसका मतलब है कि आगे इसमें छात्रों के लिए सकारात्मक कुछ देखने को मिल सकता है जी हां हम आपको बता दें कि आज का स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट  सीधा फैसला सुना सकता है और वह फैसला यह है होगा कि जो आयु गणना है उसको 1 जनवरी से किया जाना चाहिए ।

 ऐसा भी हो सकता है कि यदि सरकार और यूपीएससी की तरफ से कुछ ऐसे तर्क दे दिए जाएं जिससे की व्यवस्था पूर्ण कोर्ट को इस प्रणाली को यस का तत्सम रहने दिया जा सकता है यानी कि ऐसा भी हो सकता है कि इस पूरी प्रणाली में कोई बदलाव न हो ।

 इसके अलावा जैसा कि कई केसों में देखा गया है कि सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया ने एक समिति का गठन किया है तो हो सकता है इस केस में भी सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया विचार विमर्श करने के लिए किसी समिति का गठन करें अगर यह समिति का गठन करती है तो हो सकता है गहन चिंतन के बाद स्टूडेंट्स को इसका लाभ प्राप्त हो ।

 यदि तारीख में होता  है बदलाव तो कितना पड़ेगा असर ?

 अगर तारीख में बदलाव को सुनिश्चित किया जाता है यानी कि एक अगस्त से बदलकर 1 जनवरी से उम्र की काउंटिंग की जाएगी तो आप समझ लीजिए इससे लाखों छात्रों को बहुत अच्छा अवसर मिलने वाला है खाने का मतलब है कि इस विवाद से सबसे अधिक प्रभाव उन छात्रों पर पड़ेगा जो यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं और आयु की गणना यदि 1 जनवरी से हो जाती है तो  कई छात्र इसके योग्य हो सकते हैं और उन्हें एक और चांस  मिल सकता है जो उनके करियर के लिए अच्छा होगा ।

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This Post Has 3 Comments

  1. Abhishek kumar

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  2. Rani kumari

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