महिला सशक्तिकरण मे भारत कितना अव्वल ?

महिला सशक्तिकरण की दिशा में भारत की पहल

महिला सशक्तिकरण का अर्थ है महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और शैक्षिक क्षेत्रों में समान अधिकार, स्वतंत्रता और अवसर प्रदान करना। यह न केवल महिलाओं के उत्थान के लिए आवश्यक है, बल्कि एक सशक्त समाज और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण का आधार भी है। भारत, एक ऐसा देश जहां महिलाएं ऐतिहासिक रूप से समाज की रीढ़ रही हैं, ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में कई पहल की हैं।

इस लेख में हम भारत में महिला सशक्तिकरण के प्रयासों, उनकी उपलब्धियों और इससे जुड़ी चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

महिला सशक्तिकरण: परिभाषा और महत्व

महिला सशक्तिकरण का तात्पर्य महिलाओं को निर्णय लेने, शिक्षा प्राप्त करने, स्वतंत्र रूप से जीवन जीने, और अपनी क्षमताओं को पहचानने का अवसर प्रदान करने से है।

महिला सशक्तिकरण का महत्व:

  1. समानता की स्थापना: महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता सुनिश्चित करना।
  2. आर्थिक विकास: महिलाओं की भागीदारी से अर्थव्यवस्था में सुधार।
  3. समाज का समग्र विकास: सशक्त महिलाएं बच्चों और परिवारों के बेहतर भविष्य का निर्माण करती हैं।
  4. स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार: महिलाओं को सशक्त बनाकर स्वास्थ्य और शिक्षा के स्तर को बढ़ाया जा सकता है।

भारत में महिला सशक्तिकरण के लिए सरकारी पहल

  1. संवैधानिक और कानूनी प्रावधान

भारत का संविधान महिलाओं को समानता और स्वतंत्रता प्रदान करता है।

  • अनुच्छेद 14: कानून के समक्ष समानता।
  • अनुच्छेद 15: लिंग के आधार पर भेदभाव का निषेध।
  • अनुच्छेद 16: रोजगार में समान अवसर।
  • अनुच्छेद 39: समान वेतन और कार्य की उचित स्थिति।
  • अनुच्छेद 42: मातृत्व सहायता का प्रावधान।
  1. महिला सशक्तिकरण के लिए कानून
  • दहेज निषेध अधिनियम (1961): दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए।
  • बाल विवाह निषेध अधिनियम (2006): बाल विवाह रोकने के लिए।
  • घरेलू हिंसा अधिनियम (2005): महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाने के लिए।
  • कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न अधिनियम (2013): कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए।
  • मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम (2019): तीन तलाक प्रथा को समाप्त करने के लिए।
  1. महिला सशक्तिकरण के लिए योजनाएं
  2. i) बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना (2015):
  • इस योजना का उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या रोकना और बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना है।
  • इसमें बालिकाओं के प्रति समाज में जागरूकता फैलाना और उनके अधिकारों की रक्षा करना शामिल है।
  1. ii) सुकन्या समृद्धि योजना (2015):
  • यह योजना बालिकाओं के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।
  • इसमें माता-पिता को उनकी बेटी की शिक्षा और विवाह के लिए धन संचय करने का प्रोत्साहन दिया गया है।

iii) जननी सुरक्षा योजना:

  • सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित करने के लिए।
  • इसमें गरीब महिलाओं को प्रसव के दौरान वित्तीय सहायता दी जाती है।
  1. iv) उज्ज्वला योजना (2016):
  • ग्रामीण महिलाओं को रसोई गैस (LPG) कनेक्शन प्रदान करना।
  • महिलाओं के स्वास्थ्य और पर्यावरणीय समस्याओं को कम करना।
  1. v) महिला शक्ति केंद्र (2017):
  • ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए।
  1. vi) प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना:
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
  1. शिक्षा और कौशल विकास पहल
  2. i) सर्व शिक्षा अभियान:
  • सभी बच्चों, विशेष रूप से लड़कियों, को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना।
  1. ii) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान:
  • लड़कियों को माध्यमिक स्तर की शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करना।

iii) स्किल इंडिया और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY):

  • महिलाओं को रोजगार के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना।
  1. राजनीतिक भागीदारी को बढ़ावा
  • पंचायती राज व्यवस्था:
    महिलाओं को पंचायती राज संस्थानों में 33% आरक्षण दिया गया है।
  • संसद और विधानसभाओं में आरक्षण:
    महिलाओं को राजनीतिक भागीदारी में बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

महिला सशक्तिकरण की उपलब्धियां

  1. शिक्षा और रोजगार में सुधार:
  • महिला साक्षरता दर में निरंतर वृद्धि हुई है।
  • महिलाएं अब विज्ञान, प्रौद्योगिकी, और कॉर्पोरेट क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
  1. राजनीतिक सशक्तिकरण:
  • भारत की कई महिलाएं उच्च राजनीतिक पदों पर पहुंची हैं, जैसे इंदिरा गांधी (प्रधानमंत्री) और राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल।
  1. स्वास्थ्य और सामाजिक स्थिति में सुधार:
  • मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी आई है।
  • महिला स्वास्थ्य और पोषण में सुधार हुआ है।
  1. कौशल विकास और उद्यमिता:
  • महिलाओं ने छोटे और मध्यम स्तर के उद्यमों में उल्लेखनीय प्रगति की है।
  • स्टार्टअप इंडिया जैसे अभियानों के तहत कई महिलाएं उद्यमिता में आगे बढ़ रही हैं।

महिला सशक्तिकरण में चुनौतियां

  1. सामाजिक बाधाएं:
  • पितृसत्तात्मक मानसिकता और लैंगिक भेदभाव।
  • बाल विवाह, दहेज प्रथा और घरेलू हिंसा जैसी कुप्रथाएं।
  1. शिक्षा और रोजगार में असमानता:
  • ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों की शिक्षा दर कम।
  • रोजगार में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों की तुलना में काफी कम है।
  1. सुरक्षा और हिंसा:
  • यौन उत्पीड़न, बलात्कार और मानव तस्करी जैसी घटनाएं महिलाओं की सुरक्षा को चुनौती देती हैं।
  • कार्यस्थलों पर यौन शोषण।
  1. स्वास्थ्य और पोषण समस्याएं:
  • ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में महिलाओं की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सीमित।
  • महिलाओं में कुपोषण और एनीमिया की समस्या।
  1. राजनीतिक भागीदारी में कमी:
  • संसद और विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अभी भी न्यूनतम है।

महिला सशक्तिकरण के लिए भविष्य की दिशा

  1. शिक्षा और जागरूकता:
  • हर लड़की की शिक्षा सुनिश्चित करना।
  • समाज में लैंगिक समानता के लिए जागरूकता अभियान चलाना।
  1. आर्थिक सशक्तिकरण:
  • महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता और बैंकिंग सेवाएं सुलभ करना।
  • महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करना।
  1. सुरक्षा सुनिश्चित करना:
  • महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए सख्त कानून और उनकी प्रभावी क्रियान्वयन।
  • महिलाओं की सुरक्षा के लिए हेल्पलाइन और तकनीकी उपाय।
  1. सामाजिक सुधार:
  • बाल विवाह, दहेज प्रथा और अन्य सामाजिक कुप्रथाओं को समाप्त करना।
  • महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार के लिए सामुदायिक कार्यक्रम।
  1. राजनीतिक भागीदारी बढ़ाना:
  • महिलाओं के लिए संसद और विधानसभाओं में आरक्षण सुनिश्चित करना।
  • महिलाओं को स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने की प्रक्रिया में भागीदार बनाना।

निष्कर्ष

महिला सशक्तिकरण न केवल एक नीतिगत प्राथमिकता है, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन भी है। भारत ने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनके परिणामस्वरूप महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। हालांकि, अभी भी कई चुनौतियां बनी हुई हैं, जिनसे निपटने के लिए समाज, सरकार, और निजी क्षेत्र को मिलकर काम करना होगा।
सशक्त महिलाएं न केवल अपने परिवार और समुदाय को लाभान्वित करती हैं, बल्कि वे एक मजबूत और विकसित राष्ट्र की नींव भी रखती हैं। महिला सशक्तिकरण के साथ ही एक सशक्त भारत का सपना साकार हो सकता है।

 

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